Pravasi Mithila

15.8.14

संकल्प

आई पन्द्रह अगस्त
राष्ट्रक सबसे पैघ पावनि
सब मिल करू संकल्प
मेटा देब ई जाति धरम के
मेटा देब एकर ढेकेदार के
जे खा रहल अछि मानवता के
दींवार (दीमक) बनि के

सब मिल करू संकल्प
मेटा देब ई दुशासन के
जे निर्वस्त्र कs रहल अछि
देशक अबला धिया के

सब मिल करू संकल्प
मेटा देब बेटी भक्षक के
जे पेट मे लैत अछि जान
श्रृष्टक जननी बेटी के

सब मिल करू संकल्प  
मेटा देब ई भ्रष्ट्राचारी के
जे कs रहल अछि देशक शोषण
गरीब-गुरुआ लोकक

सब मिल करू संकल्प
रोपब प्रतिबर्ष एकटा गाछ
नहि खेत भेटत तँ बाट-घाट
नहि लेब दहेज नहि देब दहेज
ओकादिक बाहर नहि भोज-भात
नहि करब नशा तारी-दारू
नहि छुअब कहिओ तमाकुल पदार्थ l

रचनाकार : दयाकान्त

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