Pravasi Mithila

17.7.13

हमरा गाम घुमा दिया (बाल कविता)

                                          चित्र  - गुगल

बाबा यौ हमरा गाम घुमा दिया

नेने चलु हमरा कलम दिश
लुधकल छैक पाकल आम
कारी-कारी जामुनक झावा
देखियौ सुगा खोदैया लताम
कते दिन सँ कहै छी अहाँके
हमरा गाछ पर चढव सिखा दिया
बाबा यौ हमरा गाम घुमा दिया।

भोडे-भोड़ सब दिन अहाँ
करै छी पोखरी में स्नान
हमरा घाट पर नहा-सोना के
बैसा देत छी माँझ ठाम
देखियौ हम कते टा भs गेलहु
आबो ते हमरा हेलब सिखा दिया
बाबा यौ हमरा गाम घुमा दिया।

लेने चलु विदेश्वरक मेला
किन दिया हमरा खिलौना
रंग बिरंगक मधुर बिकाई छै
लाई झिल्ली आ रामदाना
भोडे से कहै छी अहाँ के
हमरा मेला घुमा दिया
बाबा यौ हमरा गाम घुमा दिया।


रचनाकार :- दयाकान्त 

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