Pravasi Mithila

18.10.10

पांच लाख बौआक दाम


नहि कमाईत छथि फूटल कौड़ी
नहि रोजगारक कोनो ठेकान
दस बरख से धएने छथि दिल्ली
टाका
आबै छनि अखनो गाम
बाबू सूद-दरसुद
जोडि के
लगबैत छथिं बौआक दाम
पांच लाख बौआक दाम |

कहैत छथि एम.बी.ए केने छी
नहि चाही सरकारी नोकरी, नाम
एम.एन.सी. में नोकरी करैत छी
राखैत अछि कंपनी सबटा ध्यान
प्रवंधन के कोनो गप्प करू
तs
मुंह बेता जेना परम अकान
पांच लाख बौआक दाम |

घटक देखि के बाप बजैत छथि
बडका हाकिम हमर सन्तान
गाडी-बंगला नोकर-चाकर
सब चीजक ओतय
ओरियान
ऑफिस में बडका-बडका हाकिम
करैत रहैत छैक बौआके सलाम
पांच लाख बौआक दाम |

अबिते लगन घटकक आसमे
मखमल जाजीम सोभय मचान
सिल्क कुर्ता संग परमसुख धोती
सजि-धजि बैसथि बाप दलान
जखन देखु भरल रहैत छैन
चाहक संग खिलबट्टी में पान
पांच लाख बौआक दाम |

अहि लगन में लुल्हा लंगडा
नहि बांचल कियो बहिर अकान
पैंतीस बीतल
चढि गेल छत्तीस
नहि सुनैत अछि कियो कान
हमर सपुतक शुभ लगन में
सब अप्पन 
बनि गेल अछि आन
पांच लाख बौआक दाम |


रचनाकार:- दयाकान्त  

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