बितल राईत भऽ गेल भोर
चिडे-चुनमुनी करैया सोर
सुरजक ललिमा भू पर पसरल
दैत अछि एकटा नव सनेश
हम जग्लहु अंहु जागु
अधिकारक लेल आगू आबू
हे मैथिल आबो जागु
कालि राज आई शिवराज
किया करैया अहांक कात
कखनो गोवा कखनो असम
कखनो पंजाब कखनो गुजरात
कि अहाँ नहि छी भारतवासी ?
गर्व सऽ अपन अधिकार जताबु
हे मैथिल आबो जागु
जागु जनक धिया वैदेही
जागु बुढ, नैना, जुआन
जात धरम सब ताक़ राखी कऽ
सबमिली कऽ करू संग्राम
छोरु पार्टी स्वार्थ अपन सब
आई माय के लाज बचाबू
आई अहाँ नहि आगू आयब तऽ
पढ़त गाईर इतिहास
आई अहाँ नहि एक होयब तऽ
होयत अहिना उपहास
सरशताक अहि धरती सऽ
कर्कश्ताक बिगुल बजाबू
हे मैथिल आबो जागु
रचनाकार:- दयाकान्त
चिडे-चुनमुनी करैया सोर
सुरजक ललिमा भू पर पसरल
दैत अछि एकटा नव सनेश
हम जग्लहु अंहु जागु
अधिकारक लेल आगू आबू
हे मैथिल आबो जागु
कालि राज आई शिवराज
किया करैया अहांक कात
कखनो गोवा कखनो असम
कखनो पंजाब कखनो गुजरात
कि अहाँ नहि छी भारतवासी ?
गर्व सऽ अपन अधिकार जताबु
हे मैथिल आबो जागु
जागु जनक धिया वैदेही
जागु बुढ, नैना, जुआन
जात धरम सब ताक़ राखी कऽ
सबमिली कऽ करू संग्राम
छोरु पार्टी स्वार्थ अपन सब
आई माय के लाज बचाबू
आई अहाँ नहि आगू आयब तऽ
पढ़त गाईर इतिहास
आई अहाँ नहि एक होयब तऽ
होयत अहिना उपहास
सरशताक अहि धरती सऽ
कर्कश्ताक बिगुल बजाबू
हे मैथिल आबो जागु
रचनाकार:- दयाकान्त
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