Pravasi Mithila

10.5.13

आतंकवाद

आई पुरा शहर में
शहरे टा]नहि भरी देश में
पूंजीपति द्वारा ठार कायल
नवका दोकान, मिडिया में
सौंसे अछि एकेटा चर्चा
पकडल गेलैक भुखना
आतंकवादी भुखना
बड़ आतंक मचेने छल
डर सँ थर-थर कपैत छ्लै
पुरा शहर ओकरा सँ
कतेक केलक हत्या
कतेक केलक बलत्कार
अपहरण के खोलि लेने छल दोकान
ओकरा पर छलैक ईनाम
पुरा पचास हजारक
मिडिया वाला कय रहल अछि चिरौरी
टीआरपी के लेल
सुना रहल अछि मनगढ़ंत कहानी
टाकाक लेल
एको बेर नहि चर्चा भ रहल छैक
कोना बनल भुखना आतंकवाद
भुखना सँ आतंकवादी भुखना
के बनेलकैक ओकरा आतंकवादी
के लुटलक ओकर माय बोहिनक इज्जत
एगो बोनिहार भुखना
कोन उठा लेलक वन्दुक ?
के करतैक अहि बातक चर्चा ?
कि भेटतैक ओकरा न्याय ?
आकि न्यायक देवी, नुकेने रहति
अपन आँखि कारी कपडा में ?

रचनाकार:- दयाकान्त 

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